क्या आप खुद का स्टार्टउप शुरू करना चाहते है और एक बड़ा entrepreneur बनना चाहते है तो आपकों स्टार्टउप क्या है – What is Startup in Hindi के बारे में जानना चाहिए.
स्टार्टउप से सीधा संबंध एक business से होता है जिसका मतलब एक नई कंपनी होता है. कहने का मतलब है स्टार्टउप एक तरह से किसी नई कंपनी की शुरुआत करना है.
आमतौर पर स्टार्टउप को शुरू करना वाला वेक्ति उसमें invest करने के साथ – साथ उस कंपनी का संचालक या CEO होता है. कोई भी नई स्टार्टउप ज़्यादा demand और कम supply वाला प्रॉडक्ट और सर्विसेस को लांच करता है.
ऐसा करने से आपका बनाया हुआ प्रॉडक्ट या सर्विस देखते – देखते आसमान की ऊंचाईयां छूने लगता है और स्टार्टउप को लांच करते ही एक बेहतरीन प्रदर्शन देखने को भी मिलता है.
जब आपकी प्रॉडक्ट और सर्विस लोगों के जीवन में नई समाधान के तौर पर दिखता है तो लोग आपसे बहुत तेजी से जुड़ने लगते हैं. आपकी growth बहुत जल्द हो जाती है जिससे अच्छा प्रॉफ़िट भी होता है.
जैसे कि आप Paytm, Ola, Oyo Rooms, Flipkart , इत्यादि स्टार्टउप देख सकते हैं. इन सभी ने एक नई शुरुआत करी थी लेकिन आज एक बहुत बड़ी कंपनी बन चुकी है.
वैसे ही यदि आप ख़ुद का स्टार्टउप शुरू करना चाहते हैं और एक बड़ा entrepreneur बनना चाहते है तो आपकों स्टार्टउप क्या है और इससे संबंधित सभी बातों को जानना चाहिए.
स्टार्टउप क्या है – What is Startup in Hindi
स्टार्टउप एक तरह से नई कंपनी होती है जो आमतौर पर किसी प्रॉडक्ट या सर्विसेस को मार्केट के अनुसार एक आइडिया के तहद शुरू किया जाता है.
इसे शुरू करने के लिए छोटी से बड़ी मात्रा में Investment की जरूरत पड़ती है. आपका इनवेस्टमेंट कितना लगने वाला वह depand करता है आपका स्टार्टउप आइडिया कैसा है?
यदि आपका आइडिया मार्केट में नई है लेकिन बहुत सप्लाई बहुत कम है तो आपकों उसके डिमांड को देखते हुए शुरू करना चाहिए. आप चाहे तो आइडिया implement करने से पहले एक market research कर सकते हैं.
ऐसा करने से आपको थोड़ी बहुत आइडिया हो जाता है कि आपकी बनाई हुई प्रॉडक्ट या सर्विस कैसे चलने वाला है उसी अनुसार आप अपना time और money को इनवेस्ट करना चाहिए.
यदि आइडिया बहुत अच्छा है लेकिन लोगों को समझने और आप से जुड़ने में काफ़ी समय लगता है तो आपकों यूजर्स या कस्टमर्स के अनुसार modification कर पेश कर सकते हैं.
कई बार हम ऐसे Business Idea पर काम करने लगते जो लोगों की समस्याएं को हल तो करती है और साथ ही बहुत आसान भी होती है लेकिन उसे market करने में दिक्कत हो जाती है.
कहने का मतलब है यदि आप कोई विदेशी आइडिया को इंडिया में मार्केट करना चाहते हैं तो आपकों इंडियन लोगों के mind set को समझते हुए ही स्टार्टउप की शुरुआत करनी चाहिए.
यदि आप लोगों के माइंडसेट को समझ गए तो Business को बड़ा करने में ज़्यादा समय नहीं लगेगा. जैसे कि आप Jio का उदहारण ले सकते हैं, जब Reliance ने Jio लांच किया था तब unlimited free call, मैसेज, data pack, voice call, इत्यादि चीजें लोगों को SIM लेने पर दिया था.
सभी चीजें फ्री या सस्ता कर देने से यूजर्स बहुत आसानी से काफी ज़्यादा मात्रा में जुड़ने लगते हैं और आपकों ज़्यादा मार्केटिंग पर भी पैसे खर्च नहीं करने पड़ते.
आपकी प्रॉडक्ट या सर्विस की मार्केटिंग लोग खुद ही करने लगते हैं जैसे कि Jio के साथ हुआ था. आज Jio कितना बड़ा कंपनी हो चुका जिसमें billions में users है.
साथ ही यदि आप उसके plan को अभी देखे तो दूसरे कंपनी के मुताबिक ज़्यादा हो चुका है लेकिन फिर भी Jio आज के समय में No. 1 पर खड़ा है.
इसका सीधा सा मतलब है कि आज के समय में Jio कंपनी के पास बहुत ज़्यादा users है जिससे उनको अधिक प्रॉफ़िट और मार्केटिंग की जरूरत नहीं पड़ती है.
खुद का स्टार्टउप कैसे शुरू करें – How to Start Your Own Startup in Hindi
आज के समय में युवाओं सरकारी नौकरी या प्राइवेट नौकरी के पीछे बहुत कम भाग रहे है. इसका कारण है बहुत ज़्यादा कॉम्पिटिशन और सीट का कम होना. ऐसे में सरकारी नौकरी में सफलता हासिल करना बहुत मुश्किल हो जाता है.
यहीं कारण है कि युवा अभी ख़ुद का कोई स्टार्टउप या Business शुरू करना चाहते हैं जिससे वे स्वरोजगार के साथ – साथ लोगों को भी नए रोजगार दे सकें.
ऐसा होने से आप ख़ुद के लिए रोजगार का साधन होते ही हैं साथ ही दूसरे सभी लोगों को भी स्वरोजगार के लिए motivation का जरिया होते हैं.
अगर आप भी अपना खुद का बिज़नेस या स्टार्टउप शुरू करना चाहते हैं, तो आपकों शुरू करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रख सकते हैं.
- किसी भी स्टार्टउप या Business को शुरू करने से पहले एक यूनिक और इनोवेटिव आइडिया का होना बहुत अवश्यक है.
- स्टार्टउप के लिए एक business plan बनाए जिससे आपकों तेजी से काम करने में आसानी होगी. और साथ ही business के success होने के लिए यह बहुत जरूरी है.
- किसी भी स्टार्टउप को करने के लिए एक मार्केट रिसर्च करना बहुत जरूरी है जिससे आपकों market में क्या चल रहा है, उसका आइडिया हो जाता है.
- अपने बिजनेस के लिए सरल और आसान नाम का चयन करना बहुत जरूरी है. यदि आप फ्युचर में अपने बिजनेस को एक बड़ा brand बनाना चाहते तो आपकों सिंपल और अच्छा नाम का चुनना अधिक अवश्यक हो जाता है.
- स्टार्टउप या बिज़नेस के लिए एक मॉडल तैयार करना चाहिए जैसे कि आप कौन सा प्रॉडक्ट या सर्विस लोगों को देने वाले हैं, वह कैसे तैयार होगा, इत्यादि.
- उसके बाद अपने Business के लिए सभी लीगल Registration करवाए जैसे कि कंपनी रजिस्ट्रेशन, ब्रांड नाम, Logo, trademark, इत्यादि.
- इसके साथ – साथ आप एक वेबसाइट या सोशल मीडिया से जुड़ सकते हैं जिससे आपकों अपने Business को फैलाने में मदद मिलेगी.
स्टार्टउप के क्या फायदे है? – Startup Benefits in Hindi
कोई भी चीज को करने से कुछ फ़ायदे और नुकसान जरूर होता है इसलिए स्टार्टउप के भी कुछ फ़ायदे है जिसे आप नीचे देख सकते हैं.
स्टार्टउप (startup) में काम करने के बहुत से फायदे हैं जिसके बारे में यदि आप शुरू करते हैं तो धीरे – धीरे जानकारी हो जाएगी. लेकिन फिलहाल मैं आपकों कुछ इसे फ़ायदे के बारे बतलाने जा रहा हूँ.
- नई चीजें सीखने के लिए बहुत सी चीजें है.
- बहुत सी चीजें को जानने और देखने को मिलता है.
- आप स्मार्ट फ़ैसले लेते हैं जिससे आपकी ग्रोथ अच्छी होती है.
- स्वरोजगार और अन्य लोगों के लिए नई कैरियर का ऑप्शन.
- आप अपने टैलेंट को बेहतरीन प्रदर्शन कर सकते हैं.
- इसमें काम करने से आपकी soft skills और लोगों से कैसे पेश आना है, जानने और सीखने को मिलती हैं.
- फ्री सर्विस, कर्मचारियों से डिस्कशन, घर से काम करना, बेहतरीन वातावरण, अधिक पैसे, के साथ – साथ बहुत से अन्य सुविधाएं भी मिलती है.
स्टार्टउप के क्या नुकसान है? Startup Disadvantage in Hindi
जैसे कि मैंने बताया कि स्टार्टउप के कुछ लाभ और हानि है, तो चलिए जानते हैं इसके कुछ नुकसान के बारे में.
- बिजनेस या स्टार्टउप करने से आपका सोशल लाइफ कम हो जाता है.
- शुरूआत में बहुत कम income होता है क्योंकि आपकी कंपनी अभी – अभी ही मार्केट में लांच हुई है जिससे कर्मचारियों को कम वेतन मिलता है. लेकिन बड़ी कंपनी हो जाने पर आपकी इंकम भी अधिक हो जाती है.
- यहीं कारण है कि स्टार्टउप के शुरूआती दौर में काफ़ी कड़ी मेहनत और दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
- इसमें बहुत धीरे – धीरे अनुभव होता है और स्टार्टउप के मालिक को शुरू में सबकुछ देखना और संभालना होता है.
- आपकी आइडिया काम करेगी या नहीं कुछ कह नहीं सकते, वो तो मार्केट में लांच होने के बाद पता चलता है.
- हर दिन कुछ न कुछ करना होता है जिससे आप अपने कर्मचारियों और कस्टमर्स से जुड़े रहे.
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स्टार्टउप इंडिया स्कीम क्या है – What is Startup India Scheme in Hindi
स्टार्टउप इंडिया ( Startup India) भारत सरकारी द्वारा लाई गई एक योजना ( scheme) है जो भारत में बिज़नेस या स्टार्टउप शुरू करने के लिए उद्योगों व व्यापार को बढ़ावा देता है.
बिज़नेस शुरू करने के लिए स्टार्टउप इंडिया के तहद उद्योगों व व्यापार को लोन भी प्रोवाइड किया जाता है जिससे वे अपना Business Ideas को सफलतापूर्वक शुरू कर सकें.
इसके तहद आज ख़ुद का बिजनेस शुरू करने के लिए paper work भी भारत सरकार ने बहुत कम और जल्दी कर दी जिससे आपकों इधर उधर दौड़ने की जरूरत नहीं होती है.
स्टार्टउप इंडिया में टैक्स या कर की छूट
सबसे अच्छी बात है कि यदि आप स्टार्टउप इंडिया की तहद अपना Business शुरू करते हैं तो आपकों कारोबारियों को शुरू के 3 साल में Income Tax से पूरी छूट दी जाएगी.
स्टार्टउप इंडिया स्कीम के क्या लाभ है? – Benefits of Startup India Scheme in Hindi
सरकार द्वारा स्टार्टउप शुरू करने के लिए बहुत से चीजों में बदलाव किया गया है जिससे आपकों अपने बिजनेस को शुरू करने से पहले जानना चाहिए.
- स्टार्टउप इंडिया स्कीम में उद्योगों व व्यापार के लिए जुड़ना बहुत आसान हो गया है. इसमें सभी चीजें ऑनलाइन कर दी गई है जिससे आपकों अलग – अलग ऑफिस की चक्कर काटने की जरूरत नहीं पड़ती है.
- इस स्कीम में किसी भी उद्योगों व व्यापार को बिजनेस या कारोबार से संबंधित सभी जरूरी जानकारी प्रदान की जाती है, जो नए उद्योगों व व्यापार के लिए बहुत लाभदायक होता है.
- यदि कोई कंपनी 1 अप्रैल 2016 के बाद भारत में रजिस्टर की गई है तो उसको अगले 3 साल तक इंकम टैक्स से छूट दी जाएगी.
- भारत सरकार ने इस scheme को जानने और समझने के लिए कई प्रोग्राम बनाए है. और साथ ही इसे और तेजी से फैलाने और इसके फायदे उठाने के लिए स्कूल और कॉलेज में भी बच्चों को आज पढ़ाया जाता है.
स्टार्टउप इंडिया स्कीम की योजना क्या है? – Startup India Yojna in Hindi
चलिए अब जानते हैं स्टार्टउप इंडिया स्कीम के लिए क्या योजना बनाई गई है.
- आपकों बता दें कि इस स्कीम के मुताबिक यदि कोई कंपनी 5 साल से अधिक पुरानी है तो उसे इसमें नहीं जोड़ा जाएगा.
- इस स्कीम से जुड़ने के लिए कंपनी का वार्षिक टर्नओवर 25 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए
- यदि कोई कंपनी प्राइवेट, पार्टनरशिप फर्म या एलएलपी होती है तो वह स्टार्टउप इंडिया के अंतर्गत आएगी.
- स्टार्टउप वाली कंपनी में नवीकरण और टेक्निक्स का अधिक यूज़ कर रहा होना चाहिए.
- बिजनेस मॉडल नए रोजगार को बढ़ावा देना चाहिए.
स्टार्टअप इंडिया स्कीम के लिए आवेदन कैसे करे?
यदि आप ख़ुद का स्टार्टउप शुरू करना चाहते हैं और स्टार्टउप इंडिया स्कीम की योजना से जुड़ना चाहते हैं तो आप इस प्रकार जुड़ सकते हैं.
- आपकों अपने बिजनेस या स्टार्टउप को इस स्कीम से जुड़ने के लिए इसके official website पर जाना होगा. इस वेबसाइट पर आपकों इससे संबंधित सभी जानकारी और जुड़ने के लिए तरीके भी मिल जाएंगे.
- इससे जुड़ने के लिए आपकों इससे संबंधित सभी बातों को ध्यान से जान लेना चाहिए और उसके बाद सोच समझ कर ही अपनी रजिस्ट्रेशन करनी चाहिए.
भारत में नए स्टार्टउप शुरू करने के लिए सरकार बहुत प्रोत्साहित और नए नए सुविधाएं मुहैया करवा रही हैं. जैसे कि 3 साल तक नए स्टार्टउप को इंकम टैक्स से छूट, शुरू करने के लिए लोन, जल्दी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन, इत्यादि.
यदि आप भी ख़ुद के लिए स्वरोजगार और दूसरे के रोजगार का साधन बनना चाहते हैं तो आपकों इस स्कीम से जरूर जुड़ना चाहिए.
इस लेख में ,
इस आर्टिकल में आपने स्टार्टउप क्या है – What is Startup in Hindi और इससे संबंधित महत्वपूर्ण बातों को जाना और सीखा. यदि बिजनेस करना चाहते है और स्टार्टउप के बारे में जानकारी लेना चाहते थे, तो उम्मीद यह यह पोस्ट आपकों पसंद आई होगी.
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